तो दोस्तों कैसे हैं आप?
आशा करते हैं आप की पढ़ाई अच्छे से चल रही है.! आज हम जिस बारे में बात करने जा रहे हैं यह है SSC CGL. जी हां दोस्तों SSC CGL एक ऐसा एग्जाम है जो Normalisation मेथड पर काम नहीं करता. ऑल इंडिया में जितने भी ऑनलाइन कंपटीशन एग्जाम होते हैं वह सभी एग्जाम्स Normalisation method पर काम करते हैं. लेकिन SSC CGL में यह सबसे बड़ी प्रॉब्लम है. SSC CGL की इस कमी की वजह से अक्षर टैलेंटेड स्टूडेंट्स जॉब लेने से रह जाते हैं, क्योंकि उनका पेपर ज्यादा टफ होता है दूसरे विद्यार्थियों के मुकाबले.
जानते हैं normalisation मेथड होता क्या है?
इस मेथड में जितने भी ऑनलाइन एग्जाम होते हैं मान लीजिए SSC ने 15 एग्जाम्स लिए हैं ssc cgl के लिए. उनमें से कुछ एग्जाम आसान होते हैं तो कुछ पेपर्स हार्ड होते हैं. Normalisation में यह होता है कि जो पेपर हार्ड थे उनके कटऑफ low कर दि जाती है और जो पेपर ईज़ी थे उनकी cut-off को थोड़ा हार्ड किया जाता है कुल मिलाकर दोनों एग्जाम का लेवल बराबर किया जाता है.
अब सभी विद्यार्थी जिन्होंने SSC का एग्जाम दिया है वह सभी इसके खिलाफ हैं कि SSC जो है normalisation मेथड क्यों अप्लाई नहीं करता है.

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