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Tuesday, 6 September 2016

MISSION IAS - 2017.

............ MISSION IAS - 2017............
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सिविल सर्विसेज की तैयारी करने से पहले इस एग्जाम की फिलोसफी को समझना बहुत जरुरी है
क्योंकि दिन-रात पढना, अच्छी कोचिंग जाना या सैकड़ों किताबें पढना इस एग्जाम में सफलता की गारंटी नहीं है.... ।
सफल व्यक्ति का भाषण ना सुनें – तैयारी करने वाले सबसे बड़ी गलती यह करते हैं कि वे हर सफल व्यक्ति का भाषण बड़े गौर से सुनते हैं और उसे कॉपी करने की कोशिश करते हैं जो बहुत घातक साबित होता है क्योंकि सफल व्यक्ति कभी भी पूरी ईमानदारी से अपनी पढ़ाई का तरीका नहीं बताता
वह हर चीज़ को बढ़ा- चढ़ाकर बताता है क्योंकि वह अपने आप को दूसरों से विशेष दिखाना चाहता है
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हम जो देखते, सुनते और पढ़ते हैं वह हमेशा सही नहीं होता। उसमें कई बातें जोड़ी गई होती हैं। जिनका वास्तविकता से दूर तक कोई नाता नही होता है।
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इसलिए किसी की बात को सुनकर उसपर आँख करके विश्वास मत करो ..
.ना ही उसकी कॉपी करो
जो लोग कहते हैं कि उन्होंने 5 साल तक 18-18 घंटे मेहनत की तब IAS बन पाए हैं ...उन पर दया करो ...क्योंकि मुझे लगता है अगर किसी व्यक्ति को इस एग्जाम को क्लियर करने में इतना समय लगा तो उससे बड़ा गधा इस दुनिया में और कोई नहीं हो सकता
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जब से नया पैटर्न आया है यह परीक्षा इतनी आसान हो गई है कि अब 45% अंक लाने पर  IAS टॉप कर जाते हैं और 38% मार्क्स आ जाने पर आपका IAS बनना पक्का होता है।
कभी आपने सोचा कि लोग इस परीक्षा में इतना कम स्कोर क्यों कर पाते हैं ......?
.ध्यान रखिये कि सिलेबस बनाने वाले ना तो मूर्ख हैं और ना ही आपके दुश्मन हैं ....
अगर आप कम स्कोर कर रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि आप इस एग्जाम को समझ ही नहीं पाए हैं
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ये पक्का है कि UPSC आपकी मदद करने के लिए ही बैठा है।
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पर सवाल यह है कि आप अपना हाथ आगे बढ़ा पा रहे हैं या नहीं।
कुछ समय से लगातार यह हौआ बनाया जा रहा है कि सिविल सर्विसेज एक बहुत ही मुश्किल और कठिन एग्जाम है ....और यह हौआ बनाने में मार्केट फोर्सेज का सबसे ज्यादा योगदान हैं ताकि डरकर आप कोचिंग क्लासेज ज्वाइन करो....और सैकड़ों किताबें खरीदो
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एक समय कहावत कही जाती थी कि - -
एक स्नातक किया हुआ व्यक्ति एक राजा से बड़ा होता है।
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याद रखिये - - - -
आप ‘स्नातक’ (Graduate) हैं पर आजकल आप स्नातक की मर्यादा की रक्षा नहीं कर पाते ...उपनिषद में एक सन्दर्भ है कि.........
जब किसी स्नातक की सवारी निकलती थी तो राजा अपनी सवारी सड़क के किनारे रोककर स्नातक को रास्ता देते थे।
यदि आप में स्नातक हैं तो आपको सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए किसी की मदद की जरुरत नहीं है।
पर आजकल परेशानी यह है कि लोग केवल परीक्षा में अंक लाने के लिए पढ़ते हैं कुछ सीखने के लिए नही। यहीं से भेड़चाल शुरू हो जाती है।
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मेरा दावा है कि अगर आपको अपनी 12 वीं तक की पूरी पढ़ाई याद है तो कोई भी आपको सिविल सर्विसेज क्वालीफाई करने से नहीं रोक सकता
सिविल सर्विसेज के एग्जाम में 12 वीं तक का ज्ञान व एक ग्रेजुएट की विचार क्षमता का परीक्षण किया जाता है।
इस परीक्षा में आपसे वही पूंछा जाता है जिसकी अपेक्षा एक सामान्य व्यक्ति से की जा सकती है
हर काम को करने से पहले अपने आप से यह सवाल पूँछिये कि आप यह काम क्यों कर रहे हैं
सिविल सर्विसेज की तैयारी में ‘ध्येय’ महत्वपूर्ण है ना कि वहां पहुँचने का तरीका .।
..इसलिए तैयारी का कोई तरीका सटीक नहीं है ...आपकी नज़र ध्येय पर होनी चाहिए रास्ता अपने आप बनता जाता है
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IAS ज्ञान की परीक्षा नहीं है –
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सिविल सर्विसेज में आपका ज्ञान नहीं जांचा जाता बल्कि आपमें वह काबिलियत देखि जाती है जो एक सिविल सेवक में होना चाहिए।
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आपको बता दें कि - - - - आज आप जो पढ़ते हैं वह आगे कभी काम नहीं आता –
IAS की तैयारी के लिए आप जो भी विषय पढ़ते हैं। चयनित हो जाने के बाद वो कहीं काम नहीं आते .....अगर कुछ काम आता है तो वह है आपकी स्किल्स ....इसीलिये यह परीक्षा आजकल ज्ञान की जगह व्यक्तित्व की परीक्षा बन गई है।
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UPSC के किसी फॉर्म में आपसे ये कभी नहीं पूंछा जाता कि आपने कौन सी किताबें पढी हैं? या आप दिन में कितने घंटे पढ़ते थे? बल्कि यह पूंछा जाता है कि....... आपकी हाबीज (Hobbies) क्या हैं? क्योंकि आपकी हाबीज ही आपके व्यक्तित्व की पहचान हैं।
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ज्ञानी व्यक्ति बहुत बुरे प्रशासक होते हैं –
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जो व्यक्ति बहुत ज्ञानी होते हैं वो सामान्यतः अच्छा प्रशासन नही चला पाते। इसलिए यह परीक्षा सबसे ज्यादा ज्ञानी लोगों की खोज करने के लिए नहीं है।
ज्ञानी ही चाहिए होते तो यूनिवर्सिटी टॉपर को ही सीधे IAS बना देते – कितना आसान था UPSC के लिए भी?
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अगर उन्हें देश के सबसे ज्ञानी लोगों को IAS बनाना होता तो वे परीक्षा कराने की वजाय सीधे हर यूनिवर्सिटी के टॉपर को ही IAS बना देते.
अनपढ़ अकबर देश का सबसे अच्छा प्रशासक था – अकबर तो बिलकुल पढ़ा लिखा नहीं था पर उसके शासन को देश के सबसे बेहतरीन प्रशासन के लिए जाना जाता है .
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यहाँ तक कि उस समय देश के सबसे बेहतरीन विद्वान् भी उसके नवरत्नों में शामिल थे और अकबर उनके ज्ञान का प्रशासन चलाने में इस्तेमाल करता था ......क्योंकि अकबर में प्रशासनिक क्षमता अच्छी थी

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